कल से 3 दिन तक बैंकों की हड़ताल

भोपाल. बैंक यूनियनों ने 31 जनवरी और 1 फरवरी को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। 2 फरवरी को रविवार होने के कारण बैंकों में अवकाश है। इस वजह से 3 दिन तक बैंक बंद रहेंगे। हड़ताल के कारण प्रदेश के करीब 15 लाख अधिकारी, कर्मचारी और पेंशनरों को जनवरी का वेतन और पेंशन मिलने में देरी होगी। बैंककर्मी लंबित मांगों का निराकरण नहीं करने से नाराज हैं। बैंक यूनियनों ने 1 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी भी दी है। इससे पहले देशव्यापी हड़ताल अक्टूबर 2019 में बुलाई गई थी। तब बैंकों के विलय के विरोध में हड़ताल बुलाई गई थी। लगातार 3 दिन तक बैंक बंद रहने की स्थिति में कामकाज पर बड़ा असर पड़ने की संभावना है। एटीएम में भी कैश की किल्लत बढ़ सकती है। हालांकि, हड़ताल के दौरान नेट बैंकिंग के सामान्य रूप से काम करने की संभावना है। इससे पहले इसी महीने 8 जनवरी को भी बैंक हड़ताल पर थे। 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों के विरोध में 8 जनवरी को 'भारत बंद'  का ऐलान किया था। इसको लेकर बैंक कर्मचारियों ने हड़ताल पर चले गए थे।


बैंकों को मर्ज करने से रोजगार के अवसर खत्म हो रहे : यूनियन


यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियनों के नेताओं का कहना है कि वेतन पुनर्गठन समझौते को लागू नहीं किया जा रहा है। यह लागू हो जाता तो बैंककर्मियों को आर्थिक मदद मिलती। केंद्र एक के बाद एक बैंकों को मर्ज करते जा रहा है, लेकिन इन बैंकों के बकाया वसूली को लेकर कोई ठोस नीति नहीं है। हजारों करोड़ों का बकाया डूब जाएगा। इसका नुकसान बैंक, उनमें काम करने वाले कर्मचारी और देश को हो रहा है। इसी कारण आर्थिक सुस्ती देखी जा रही है और बैंकों को मर्ज करने से रोजगार के अवसर खत्म हो रहे हैं। 


ये हैं बैंक यूनियनों की मांगें



  • वेतन में कम से कम 20 फीसदी की वृद्धि की जाए। 

  • बैंकों में हफ्ते में 5 दिन ही काम हो। 

  • बेसिक पे में स्पेशल भत्ते का विलय हो। 

  • एनपीएस को खत्म किया जाए। 

  • परिवार को मिलने वाली पेंशन में सुधार।

  • स्टाफ वेलफेयर फंड का परिचालन लाभ के आधार पर बांटना। 

  • रिटायर होने पर मिलने वाले लाभ को आयकर से बाहर करना। 

  • कांट्रैक्ट और बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट के लिए समान वेतन।